आभूषण ( Abhushan ) Ornament / Jewelery
मारवाड़ की कहावत- गहणो भुखा रो भोजन अर धापिया रो सिणगार ||
स्त्रियों के आभूषण : women's jewelry |Striyon ke aabhushan
सिर के आभूषण :- Head ornaments
1.शीशफूल /सिरफूल / सेरज
2सिर मांग
3. गोफन /गोफण
4. बोर/ बोरला
5.-रखड़ी -सुहाग का प्रतीक
6.पतरी
7. टिका/ तिलक
8.टीडी- भलको
9. टिकी / बिंदी
10. मैमद
11. मौङ / मुकुट - मौङ
12. झेला /बालियां
सिर के आभूषण को याद करने की ट्रिक्स :-
2 सिर मांग :-सुहागन स्त्रियों में के मांग (सिंदूर लगाने के स्थान पर ) तिल्ली के आकार का चेन से जुड़ा हुआ पहना जाने वाला गहना सिरमांग कहलाता है |
5.रखड़ी :- सुहाग का प्रतीक है |रखड़ी / राखड़ी बोर के समान गोलाकार आकृति में होती है ,परंतु रखड़ी पर कीमती पत्थर के नगों की जडाई की जाती है| रखड़ी को भी सिर पर मांग के ऊपर बांधा जाता है, रखड़ी के पीछे लगाई जाने वाली सोने की छोटी हुक को सरी / बगड़ी कहते हैं |
6.पतरी :- रखड़ी के नीचे ललाट के दोनों और बालों के किनारे के साथ सोने का 3- 4 इंच चौड़ा पतर पथरी कहलाता है |
7.टीका या तिलक :- दो इंच परिधि का सोने की परत का बना हुआ फूल जिसमें नगीनों की जङाई की जाती है , टीका /तिलक कहलाता है ,इसे महिलाएं सोने की सांकली से मांग भरने की जगह सिर पर लटकाती है |
8. टिड्डी- भलको :-स्त्रियों की मांग भरने के नीचे ललाट पर पहना जाने वाला आभूषण टीडी भलको कहलाता है |
9. टिकी / बिंदी :-सुहागन स्त्रियों के माथे की शोभा बढ़ाने वाला यह आभूषण ,जिससे महिला ललाट के मध्य में लगाती है |
10.मैमद :-स्त्रियों के माथे पर पहनने का आभूषण जिस पर लोक गीत भी गाए जाते हैं |
11. मौङ -विवाह के अवसर पर दूल्हे -दुल्हन के कान व सिर पर बांधने का मौङ -मुकुट कहलाता है |इस मुकुट का प्रचलन ब्राह्मण व सुथार जाति में प्रमुखता से है |
12.झेला :-सोने या चांदी की 2-3 लड़े सांकले ,जो दोनों के पीओर कनपटियों केपिछे सिर के बालों में अटकाई जाती है ,जिन्हें कानों के टोटीयो से संबंध कर दी जाती है,झेला कहलाता है |भीनमाल ( जालौर )क्षेत्र में बालियाँ कहते हैं |
Q.1 सिर पर पहने जाने वाले आभूषण की ट्रिक्स क्या है ?
उतर-शीशे में सकल देखी है ,जो टेडी बियर मांग रही है |
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